Jahnavi Sharma

Add To collaction

आई नो... यू नो..! (भाग-8)

Note: यह रचना मनोरंजन के उद्देश्य से लिखी गयी है। पुलिस और सीबीआई का काम करने का अपना - अपना तरीका होता है। रचना में इस्तेमाल हुए डायलॉग का वास्तविक जीवन से कोई संबंध नही है। 



★★★★★★

सीबीआई ने सजल की माँ नाजिया अली खान को सजल की जान लेने की कोशिश करने के जुर्म मे गिरफ्तार कर लिया। रात के 9:00 बजे सीबीआई की टीम फिर से इस केस को लेकर मीटिंग कर रही थी। 

"हां तो गाइज आज की क्या प्रोग्रेस है?" अर्पण ने उन सब से पूछा, "मनन और तनिष्का तुमसे शुरुआत करते हैं।"

"सर सजल के पड़ोसियों से सिर्फ इतना ही पता चल पाया कि सजल की उसके घरवालों से ज्यादा बनती नहीं थी। अक्सर उनके घर से चीखने -चिल्लाने या मारने -पीटने की आवाजे आती रहती थी। कुछ समय पहले सजल ने अपने घर को छोड़ दिया था।" तनिष्का ने पड़ोसियों से हुई बातचीत के आधार पर बताया। 

"और अगर कुछ समय पहले की बात करें, तो सजल को घर छोड़े लगभग 1 साल हो गया। इस एक साल में सजल कहां रहती थी... किस से मिलती थी... इस बारे में सजल के अलावा अगर कोई बता सकता है, तो वह है उसकी बेस्ट फ्रेंड समायरा। समायरा सजल की सिर्फ फ्रेंड ही नहीं बल्कि उसकी मैनेजर भी थी। शायद जिससे पुलिस ने अभी तक कोई पूछताछ नहीं की होगी।" मनन ने मोहित की तरफ देखकर तंज़ कसा। 

"सजल की मौत के बाद से ही समायरा इस शहर में नहीं है। हमें उसके खिलाफ ऐसा कुछ नहीं मिला, जो हम उसे समन भेजकर पुलिस स्टेशन में पूछताछ के लिए बुला सके। आप लोग बार-बार मुंबई पुलिस पर सवाल क्यों उठा रहे हैं? आप लोग अच्छे से जानते हैं कि जितने अधिकार सीबीआई के पास होते हैं, उतने पुलिस के पास नहीं होते" मोहित ने अपनी सफाई दी। 

"मोहित मुंबई पुलिस पर कोई भी सवाल नहीं उठा रहा, लेकिन केस की प्रोग्रेस सच में बहुत स्लो थी। अभी तक तो उस रॉनी से भी कोई पूछताछ हुई, जिसने उस झूमर का सारा सेटअप किया था... जिस पर सजल की लाश मिली थी", अर्पण ने मोहित को समझाया। 

"वह रॉनी कुछ भी बोलने की हालत में नहीं है। जब से उसने लाश देखी है, वह तो मानो पागल हो गया हो। मुझे नहीं लगता कि वह इतने परफेक्ट क्राइम को अंजाम दे सकता है। हमने उससे पूछा करने की कई बार कोशिश की, लेकिन वह अभी भी हॉस्पिटल में है और कुछ भी बताने के हालत मे नही है। हमें मिले सबूतों के आधार पर हमने पूछताछ करने की पूरी कोशिश की, लेकिन हर बार सिंघानिया फैमिली ने पैसों के दम पर इस केस को दबाने की पूरी कोशिश की, "मोहित ने कहा ,"पाखी तुम्हें तो इस बारे में अच्छे से पता भी होगा।"

"देखो मोहित ... सगाई के बाद से मैं विराट के अलावा और किसी से नहीं मिली। पुलिस स्टेशन से छूटते ही विराट मुझसे मिलने होटल आया था। उसके बाद से मैंने उसे देखा तक नहीं। वह बार-बार एक ही बात बोल रहा है कि उसने सजल को नहीं मारा। बाकी मैं चाहती हूं कि मैं भी इस केस पर पूरी ईमानदारी से काम करूं। एक बार सिंघानिया फैमिली को छोड़ो। रॉनी से पूछताछ करने के लिए हम किसी साइकेट्रिस्ट की मदद ले सकते हैं। शायद वह हमारी कुछ मदद कर सके," पाखी ने अपना सुझाव दिया। 

"वैसे आइडिया अच्छा है। मैं और मोहित कल सुबह ही रॉनी का साइकेट्रिस्ट से सेशन करवाते है। पाखी मैं चाहता हूं कि तुम सजल की मां से पूरी कड़ाई से पूछताछ करो। मामला इंश्योरेंस के पैसों का भी हो सकता है। सजल इतनी बड़ी एक्ट्रेस थी, तो उसके इंश्योरेंस की रकम भी अच्छी खासी है। दस करोड़ रुपये कोई मामूली रकम नहीं है।" अर्पण ने सबको आगे का प्लान समझाया। 


"मुझे लगता है कि सजल के परिवार वाले हमसे झूठ बोल रहे हैं। सजल के दूसरे घर का पता उन्हें जरूर मालूम होगा। वैसे सजल के बाप से आपकी क्या पूछताछ हुई अर्पण सर ?" मनन ने पूछा। 

"ज्यादा कुछ तो नहीं पता चला। लेकिन सजल का बाप एक बर्फ फैक्ट्री में काम करता है। उसके लिए बर्फ का हथियार बनवाना कोई मामूली बात नहीं है। वह ऐसे कई लोगों को जानता भी होगा, जो इस तरह के काम करते होंगे। लेकिन मैंने सजल के बाप के अंदर उसके लिए भावनाओं को महसूस किया। सजल की मां एक बहुत ही लालची औरत है और उसके आगे उसके बाप की एक भी नहीं चलती। अभी कुछ भी नही कहा जा सकता ... जब तक की सबसे अच्छी तरह पूछताछ ना हो जाए।" अर्पण ने गहरी सांस लेते हुए कहा। अर्पण चाहता था कि यह केस जल्दी से जल्दी सुलझ जाए, ताकि उसके बाद वह पाखी को विराट की असलियत बता सके। 

"वैसे कल सजल की मां की पेशी होने वाली है। मैं नहीं चाहता कि उसे जमानत मिले। कोर्ट में रिमांड की एप्लीकेशन लगाएं क्या और कल कोर्ट कौन जा रहा है?" मोहित ने पूछा। 

"कोर्ट मै जाना चाहती हूं अर्पण सर। मेरी यही कोशिश रहेगी कि सजल की मां को रिमांड पर लेने की इजाजत मिल सके।" इसे पहले कि कोई और जवाब देता, पाखी ने सामने से आकर पहल की। 

"ठीक है। फिर सबको समझ आ ही गया होगा कि कल क्या करना है। मैं और मोहित साइकाइट्रिक की मदद से रॉनी से पूछताछ करने की कोशिश करेंगे। पाखी सजल की मां को लेकर कोर्ट जाएगी। तनिष्का और मनन तुम दोनों समायरा के बारे में पता लगाने की कोशिश करोगे। हो सके तो सजल के घर के पता लगाने की भी कोशिश करना, ताकि हमें उसके घर की छानबीन करके कुछ तो हासिल हो सके। चलो फिर यह मिटिंग यही खत्म करते हैं। " यह बोलकर अर्पण ने सब को सोने के लिए भेज दिया। 

★★★★★★★★

अगले दिन.... 


जैसे कि कल रात को डिसाइड किया गया था पाखी सजल की मां को लेकर कोर्ट पहुंची। कोर्ट में पेशी के दौरान पाखी ने सजल की मां के खिलाफ सारे एविडेंस कोर्ट को प्रस्तुत किए। जैसा कि उन लोगों को उम्मीद थी... उसी हिसाब से कोर्ट ने उन्हें सजल की मां को 5 दिन की रिमांड की अनुमति दे दी थी। 

वहीं दूसरी तरफ मोहित और अर्पण रॉनी को सिटी हॉस्पिटल की एक साइकेट्रिस्ट  दिव्या मेहता के पास सेशन के लिए लेकर गए। 

"आपके कहे मुताबिक मै रॉनी से सवाल- जवाब तो कर लूंगी... लेकिन सॉरी टू से सर मैं आपको अंदर आने की परमिशन बिल्कुल नहीं दे सकती।" दिव्या ने मोहित और अर्पण को बाहर ही रोक दिया। 

"ठीक है डॉक्टर! हम बाहर खड़े हो जाएंगे... लेकिन आप रॉनी  का सेशन रिकॉर्ड कर लीजिएगा" अर्पण ने कहा। दिव्या रॉनी से बात करने के की एक वार्ड में लेकर गई। 


"हेलो रॉनी! कैसे हो तुम?" दिव्या ने बहुत प्यार से रॉनी से पूछा ,"मैंने सुना था कि आज सुबह तुम सिस्टर से घर जाने की जिद कर रहे थे। घर जाना चाहते हो तुम? "

रॉनी ने दिव्या की बात का कोई जवाब नहीं दिया और डर के मारे अपने पैर सिकुड़ कर बैठ गया। दिव्या ने लगभग 1 घंटे तक रॉनी से बात करने की बहुत कोशिश की, लेकिन रॉनी ने उसकी बातों का बस हां और ना में ही जवाब दिया। 1 घंटे बाद दिव्या मोहित और अर्पण के पास गई और बोली, "जैसा कि मैंने कहा था कि 1 सेशन में किसी भी पेशेंट से सब कुछ बुलवाना पॉसिबल नहीं है। 1-2 सेशन तो उसे आपके साथ कंफर्टेबल होने में ही लग जाते हैं। आप मुझे दो-तीन दिन का टाइम दीजिए। मैं रॉनी से लगातार बात करने की कोशिश करूंगी। फिर शायद वह कुछ बोल पाए।"

"ठीक है डॉक्टर! अब तो आपसे तभी मुलाकात होगी, जब रॉनी कुछ बताने की हालत में होगा। लेकिन प्लीज तब तक आप उसे कंफर्टेबल करके पूछताछ करने की पूरी कोशिश कीजिएगा। " अर्पण ने डॉक्टर दिव्या से विदा लेते हुए कहा। 

★★★★★


तनिष्का समायरा की तलाश करने की पूरी कोशिश कर रही थी। लेकिन शाम होने को थी और उसे कुछ भी नहीं मिल पाया। तभी तनिष्का के पास मनन का कॉल आया। 

"हेलो तनिष्का जी! लगता है अपनी समायरा मैडम मिल गई। एक काम करे... 1 घंटे के अंदर मुझे मुंबई के ग्रीन व्यू अपार्टमेंट में आके मिलिए। अपनी समायरा वही दुबक कर बैठी होगी।" फोन के दूसरी तरफ से मनन बोला। 

"1 घंटे नहीं... मैं 15 मिनट में आ रही हूं। मैं ग्रीन व्यू अपार्टमेंट के आसपास के एरिया में हूं। तो मुझे आने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। तो फिर मिलते हैं 15 मिनट बाद। " तनिष्का ने कॉल कट की ओर ग्रीन व्यू अपार्टमेंट की ओर चल दी। 


15-20 मिनट बाद तनिष्का ग्रीन अपार्टमेंट्स पहुंची। जहां मनन पहले से ही उसका इंतजार कर रहा था। 

"कहां है समायरा मनन? तुम्हें कैसे पता चला उसके बारे में?" आते ही तनिष्का ने सवालों की झड़ी लगा दी। 

मनन जवाब देते हुए बोला, "अभी तक तो मैं भी उससे नहीं मिला। पूरे दिन की दौड़ धूप के बाद यहां का एड्रेस मिला था। मुझे भूख लगी थी, तो मैं पिज़्ज़ा हट गया था। जहां मुझे एक लड़की मिली, जो समायरा से फोन पर बात कर रही थी। मुझे शक हुआ, तो मैंने उसका पीछा किया और उसने मुझे यहां तक पहुंचा दिया। चलो अब जल्दी से चलते हैं। बाकी की पूछताछ मुझसे नहीं समायरा से करनी है। "


मनन  और तनिष्का 5th फ्लोर में समायरा की दोस्त जिया के घर गए। दरवाजा समायरा की दोस्त जिया ने हीं खोला था। 

"हेलो आई एम ऑफिसर तनिष्का फ्रॉम सीबीआई... बाकी ज्यादा पूछताछ नहीं करूंगी। मुझे समायरा दत्ता से बात करनी है और तुम मुझे नहीं रोक सकती। " तनिष्का ने जिया को धक्का देते हुए घर के अंदर प्रवेश किया। 

जिया तो सीबीआई का नाम सुनकर ही डर गई थी, तो उसने उन्हें रोकने की कोशिश भी नहीं की। जिया दौड़कर तनिष्का के पीछे गई और उनके पीछे -पीछे मनन भी अंदर आया। समायरा अंदर कमरे में बैठी सजल के साथ अपनी तस्वीर देख कर रो रही थी। 

"ओह! तो तुम्हें सजल के जाने का दुख भी है। हमें लगा तो नहीं था। सजल की मौत के बाद से गायब तो तुम ऐसे हो गई थी, जैसे तुमने ही सजल को मारा हो।" मनन बोलते हुए समायरा के पास गया। 

"कौन हो आप लोग ?" समायरा ने रोते हुए पूछा। 

"रिश्तेदार है मैडम... बिन बुलाए कहीं भी पहुंच जाते हैं।", तनिष्का ने व्यंगयात्मक तरीके से कहा, "हम सीबीआई से है और अब बिना ड्रामा किए हमारे साथ चलो।"

"आप बिना वारंट मुझे अरेस्ट नहीं कर सकते ऑफिसर्स और वैसे भी 6:00 बजे बाद किसी भी लड़की को गिरफ्तार करने से पहले आपको मजिस्ट्रेट की परमिशन लेनी होना जरुरी होती है। " समायरा ने मनन और तनिष्का के साथ जाने से साफ इनकार कर दिया। 

"हां मैडम ! आपको परमिशन भी दिखा देंगे और समन भी भिजवा दिया जाएगा। लेकिन इस बार अगर आप गायब हुई या कहीं गई तो आपके साथ- साथ आपके दोस्त भी खतरे में आ जाएगी" मनन ने जिया की तरफ देखते हुए कहा। 

"लेकिन मैंने सजल को नहीं मारा। हम दोनो तो बेस्ट फ्रेंडस थे। और एक दूसरे के बिना जी नहीं सकते थे।  तो मैं उसे कैसे मार सकती हूं ? और मैं कोई गायब नहीं हुई थी। सजल की मौत से पहले मैं सजल के साथ ही उसके फ्लैट पर रहती थी। लेकिन उसके मरने के बाद मेरे पास रहने के लिए जगह नहीं थी, तो मैं अपनी दूसरी फ्रेंड जिया के साथ रहने के लिए उसके यहाँ आ गयी। " समायरा ने अपनी सफाई पेश की। 

"इसका मतलब तुम्हें अच्छे से पता है कि सजल कहां रहती थी। चलो फिर पहले सजल के घर का एड्रेस दो।" तनिष्का और मनन इस केस पर मिली, अपनी पहली कामयाबी से बहुत खुश हुए। 

समायरा अच्छे से जानती थी कि सीबीआई से उलझने का कोई फायदा नहीं होगा। तो उसने बिना कोई ड्रामा किए सजल के घर का एड्रेस लिखकर उन्हे दे दिया। मनन और तनिष्का वहां से जाने लगे तो समायरा ने रोते हुए कहा, " आप लोग मुझ पर शक कर रहे हो। आपको अगर किसी पर शक करना चाहिए... या किसी से पूछताछ करनी चाहिए, तो वह मैं नहीं ऑफिसर... बल्कि विराट सिंघानिया है। लेकिन वो तो पैसे वाला है, तो आप उसे क्यों पूछोगे? सब की तरह उसने अपने पैसों से आपको भी खरीद लिया होगा।"

समायरा के मुंह से विराट का नाम सुनकर तनिष्का और मनन  हैरानी से एक दूसरे की तरफ देखने लगे। उन्होंने समायरा को तो कुछ नहीं कहा, लेकिन सभी घटना क्रम का अर्पण को सूचित किया। 


सीबीआई पिछले 5 दिनों से इस केस की छानबीन कर रही थी। लेकिन उन्हे कुछ खास हाथ लग नहीं रहा था। इसी बीच कोर्ट से सजल के घर की छानबीन की इजाजत मिल चुकी थी तो, वही रॉनी का भी दिव्या के साथ तीन -चार सेशन अटैंड करने के बाद बयान रिकॉर्ड हो चुका था।"


कमशः....


   14
0 Comments